Bihar Jamin Survey 2024 : बिहार में जमीन सर्वे के लिए रैयतों को देने होंगे 22 प्रकार की जानकारी।।

Bihar Jamin Survey 2024

Bihar Jamin Survey 2024 : बिहार में जमीन सर्वे के लिए रैयतों को देने होंगे 22 प्रकार की जानकारी।।

अगर आप भी बिहार से हैं तो आप सभी को बता दें कि बिहार राज्य सरकार युद्ध स्तर पर अब पूरे बिहार राज्य में जमीन सर्वे का काम पूरा करने में लगे हुए हैं। ऐसे में जमीन सर्वे का यह काम पिछले दो वर्षों से लगातार चल रहे थे लेकिन अब इसे पूरा करने के लिए गति और भी बढ़ा दिए गए हैं। सूत्रों से कहे जा रहे हैं कि बिहार में जमीन सर्वे करने की जरूरत इसलिए पड़ी क्योंकि अब तक देखे गए हैं कि आपराधिक घटनाओं के पीछे भूमि के चलते लड़ाई – झगड़ा सबसे अहम वजहों में सबसे एक रहे हैं । ऐसे में अब बिहार सरकार का मानना यह है कि इस सर्वे के पूरा हो जाने के बाद जमीन विवाद के 95 फ़ीसदी मामलों में कमी आ सकते हैं।

आप सभी लोगों को बता दें कि बिहार राज्य सरकार जमीन रिकॉर्ड को दुरुस्त करने के लिए जीआईएस मैपिंग जैसी तकनीक का इस्तेमाल कर रहे हैं। बता दें कि साथ ही सरकार स्थानीय व्यक्तियों की राय विचार लेने के बाद ही इस रिकार्ड को अपडेट कर रहे हैं। बता दे की इस प्रक्रिया को पूरा करने का सबसे अहम पहलू ग्राम सभा पर जाती है। बता दे कि इन ग्राम सभाओं की सहायता से सरकार स्थानीय व्यक्तियों के भूमि से जुड़े डॉक्यूमेंट की जांच कर रहे हैं। ऐसे में इसके बाद 22 स्तरों पर जांच पूरे होने के बाद ही संबंधित भूमि के असली मालिक की पहचान किए जाएंगे और रिकॉर्ड में उसे अपडेट भी किए जाएंगे।

बिहार में क्यों पड़ी भूमि सर्वे की जरूरत

मीडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक बिहार के भागलपुर जिले के नवगछिया में आयोजित ग्राम सभा में स्थानीय व्यक्तियों के डॉक्यूमेंट की जांच कर रहे हैं। बंदोबस्त कार्यालय के प्रभारी आधिकारिक कुमार कुंदन लाल ने अपने शब्दों में बताएं कि गांव के व्यक्तियों को पता है कि खतियान ही उनका मुख्य डॉक्यूमेंट है और बिहार में कई जगह पर अभी भी जब खतियान चल रहे हैं। वह वर्ष 1910 तक का बने हुए हैं जबकि कई जगहों पर 1970 और 1980 का खतियान भी चल रहे हैं। ऐसे में जब खतियान पुराना हो जाते हैं तो उसे जमीन पर कई लोग मालिकाना हक जताने लगते हैं। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि परिवार कई हिस्सों में बढ़ जाते हैं । अगर खतियान उनके नाम पर नहीं होते हैं तो उन्हें बहुत परेशानियों का सामना करना पड़ता है और जमीन को लेकर विवाद शुरू हो जाते हैं।

इस सर्वे से काम हो जाएंगे आसान

आपको बता दें कि बिहार सरकार की अगर हम माने तो भूमिका सर्वे नहीं होने से व्यक्तियों को काफी कठिनाइयों का सामना करनी पड़ रहे हैं कि आमतौर पर कई ऐसी जमीन है। जिनका खाता , खसरा भी गायब है। ऐसे में जिन व्यक्तियों के पास खतियान उपलब्ध है। वे काफी पुराने है ऐसे में यहां तक की वंशावली भी अपडेट नहीं है बता दें कि जिन

व्यक्तियों के नाम पर भूमि के डॉक्यूमेंट उपलब्ध है और उनकी मृत्यु काफी समय पहले से हो चुके हैं तो ऐसे में कहे जा रहे हैं कि इस सर्वे के पूरा होने के बाद व्यक्तियों को म्यूटेशन करने में आसानी होंगे। अगर प्लाट का साइज बहुत बड़ा है तो खसरा नंबर अब एक जैसा नहीं रहेंगे। बता दें कि पहले कई लोग मिलकर बड़ा प्लॉट खरीदारी कर लेते थे और खसरा नंबर एक ही होते थे लेकिन अब ऐसा नहीं होंगे। अब हर प्लॉट का अलग-अलग खसरा नंबर उपलब्ध होंगे।

डॉक्यूमेंट जमा करने के लिए लोगों को मिलेगा एक वर्ष का समय

आप लोगों को बता दें कि इस सर्वे के तहत जिन व्यक्तियों के पास अपने जमीन के डॉक्यूमेंट उपलब्ध नहीं है। उन्हें संबंधित डॉक्यूमेंट जमा करने के लिए 1 वर्ष का टाइम दिया जाएगा। सूत्रों से कहे जा रहे हैं कि सरकार अगले 1 वर्ष में यह सर्वे पूरा कर सकते हैं। ऐसे में अगर किसी भी लोगों के पास वंशावली या जमीन से जुड़े कोई जरूरी डॉक्यूमेंट उपलब्ध नहीं है तो वह अगले 1 वर्ष में अपने ब्लॉक में जाकर उन डॉक्यूमेंट को प्राप्त कर सकते हैं।

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